कोरोना वायरस ने दो साल तक दिया दर्द, जानें रिसर्च में क्या-क्या आया सामने


Covid Research: कोविड ने देश में जमकर कहर बरपाया. केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान चलाया. कॉविड की तीन डोज तक लोग लगवा चुके हैं. वैक्सीनेशन के बाद लोगों का इम्यून सिस्टम बेहद मजबूत हो गया है. अब वायरस ह्यूमन बॉडी पर उतना असर नहीं कर रहा है. हालांकि फिलहाल कोविड-19 के मामले देश में कम आ रहे हैं.

डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है. इसके अलावा कोविड से जूझने वाले लोगों पर रिसर्च की गई. रिसर्च में सामने आया कि 75 फीसदी लोगों को कॉविड ने 1 साल तक दर्द दिया है. उन्हें ठीक होने में एक साल लगा.

106 लोगों पर हुई रिसर्च

यूरोप के एक जर्नल में लांग कोविड को लेकर एक रिसर्च प्रकाशित की गई. रिसर्च में 106 लोगों को शामिल किया गया. इंफेक्शन के बाद 3, 6 और 12 महीने में सभी का हेल्थ चेकअप किया गया. रिसर्च करने वालों ने नोटिस किया कि एक साल बाद सभी लोग स्वस्थ थे. शोधकर्ताओं ने पेशेंट के बॉडी में ऑटो एंटीबॉडीज और साइटोकाईंस की जांच की.

दरअसल साइटोंकाईंस इम्यून सिस्टम के ग्रोथ और सक्रियता को देखते हैं. वह बताते हैं कि इम्यून सिस्टम सही से काम कर रहा है या नहीं? रिसर्च करने वालों ने पाया कि जो पेशेंट कोविड का शिकार हुए थे. उनमें ऑटो एंटीबॉडी और साइटोकाइंस की कमी थी.

ये लक्षण देखने को मिले

जिन मरीजों में लॉन्ग कोविड देखने को मिला, उनमें थकान सांस लेने में कठिनाई, खांसी, सिर दर्द, बदन दर्द, एंग्जायटी और डिप्रेशन देखने को मिला. शोध करने वालों ने सभी लक्षणों को नोट किया और देखने की कोशिश की गई कि लोगों को लॉन् कोविड से किस तरह राहत मिल सकती है.

ऑटोइम्यून भी दे सकता है दिक्कत

किसी बाहरी वायरस या बैक्टीरिया के अटैक करने पर बॉडी का इम्यून सिस्टम एक्टिव हो जाता है. यह एंटीबॉडीज तैयार करने में जुट जाता है. यही एंटीबॉडीज वायरस या बैक्टीरिया पर अटैक कर उसे खत्म करती है. कई बार इम्यून सिस्टम ऐसे एंटीबॉडीज डेवलप कर देता है कि वह अटैक करने वाले व बचाव करने वाले को पहचान नहीं पाते हैं और बॉडी के बचाव में जुटी एंटीबॉडीज पर ही अटैक करना शुरू कर देते हैं. यह कंडीशन ही ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है. हालांकि रिसर्च के दौरान ऑटोइम्यून डिसऑर्डर पेशेंट में नहीं देखा गया. लेकिन india में काफी लोगों ने इस तरह की शिकायत डॉक्टरों से की.

वैक्सीन खत्म करती है लांग कोविड इफेक्ट

स्पेशलिस्ट का कहना है कि कोविड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज वायरस से बचाव करने का बेहतरीन उपाय है. सभी को वैक्सीन लगवानी चाहिए. इससे लॉन्ग कोविड का खतरा कम हो जाता है.

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