कोटा: एक रुपये प्रति किलो में बिकेगा गोबर, पाइप लाइन के जरिए घर-घर पहुंचेगी बायोगैस


Rajasthan News: देश की सबसे अनोखी, लाभकारी और पशुपालकों का जीवन स्तर बदलने वाली देवनारायण योजना एक और कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है. इस योजना में शहर के पशुओं को शहर के बाहर रखा जा रहा है. पशु पालक भी वहीं रहकर दूध को पूरे शहर में पहुंचा रहे हैं. इन पशुपालकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक ही जगह स्कूल, चिकित्सालय, पशु चिकित्सालय, पानी बिजली की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही इन्हें हर सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है. इस बार गाय-भैंस के गोबर को एक रुपए किलो में खरीद कर जहां इनकी आमदनी को दुगना किया जा रहा है, वहीं स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है, दुर्गंध से भी यहां मुक्ति मिलेगी ऐसा भी प्रयास हो रहा है. देवनारायण योजना में बायो गैस खरीद का एमओयू साइन हुआ है.
 
15 हजार पशुओं का होगा पालन
स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की उपस्थिति में  सिविल लाइंस स्थित आवास पर प्रदेश की पहली देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना में बायोगैस संयंत्र से गैस खरीद के लिए नगर विकास न्यास, राजस्थान राज्य गैस लिमिटेड और गेल इंडिया के मध्य एमओयू संपन्न हुआ. स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि इससे कोटा में बायोगैस की उपलब्धता के साथ देवनारायण योजना के पशुपालकों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि देवनारायण योजना में 646 आवासों का आवंटन कर 9 हजार पशुओं के साथ पशुपालकों को योजना में स्थानांतरित कर दिया गया है. पूर्ण विकसित होने पर योजना में 15 हजार पशुओं का पालन किया जा सकेगा.

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किया जा रहा 150 टन प्रतिदिन की क्षमता का गौबर गैस प्लांट स्थापित
पशुओं से प्राप्त होने वाले गोबर के निस्तारण के लिए योजना में 30 करोड़ की लागत से 150 टन प्रतिदिन की क्षमता का गौबर गैस प्लांट स्थापित किया जा रहा है. जिसका 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. बायोगैस संयंत्र से प्रतिदिन 3 हजार किलो बायोगैस 21 टन जैविक खाद और 10 हजार लीटर उच्च गुणवत्तायुक्त तरल खाद प्राप्त होगा. बायोगैस संयंत्र की स्थापना से इस योजना को गोबर की दुर्गंध से मुक्ति मिली है और पशुपालकों से एक रुपए प्रति किग्रा की दर से बायोगैस संयंत्र के लिए गोबर क्रय किया जा रहा है.

गेल इंडिया खरीदेगा बायो गैस 54 रुपये प्रतिकिलो
इससे पशुपालकों की आमदनी में इजाफा होगा. गोबर की आमदनी में से आवास की किस्त चुकाने के बाद भी कई पशुपालकों को काफी राशि की बचत हो रही है. बायोगैस से उत्पन्न गैस को पाईपलाईन के माध्यम से घरों में सप्लाई किया जाएगा. उन्होने बताया कि अधिशेष बायोगैस को गैल इण्डिया और राजस्थान स्टेट गैल लिमिटेड को केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर विक्रय किया जाएगा. वर्तमान में विक्रय दर 54 प्रति किग्रा है.



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