कहीं आपको भी तो नहीं प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, जानिए इसके लक्षण


Prostate Cancer: प्रोस्टेट कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो प्रोस्टेट ग्लैंड में होता है. प्रोस्टेट कैंसर तब शुरू होता है जब प्रोस्टेट ग्लैंड में कोशिकाएं कंट्रोल से बाहर होने लगती है. यह ग्रंथि सिर्फ पुरुषों में पाई जाती है. यह ग्रंथि कुछ तरल पदार्थ का उत्पादन करता है जो वीर्य को बनाने में मददगार होता है. प्रारंभिक पहचान और इलाज के साथ इसे ठीक किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ हुआ इंग्लैंड के रहने वाले 74 साल के डॉग ब्लिस्स के साथ

इंग्लैंड के डॉग ब्लिस्स ने कैसे पाया प्रोस्टेट कैंसर पर काबू

74 साल के डॉग ब्लिस्स ने प्रोटेस्ट कैंसर को लेकर अपने एक्सपीरियंस शेयर किया है. उन्होंने बताया कि समय पर इसकी पहचान करने से उन्हें सही इलाज मिल गया. डॉग ब्लिस्स बताते हैं कि एक दिन जब वह अपने कुत्ते को ठहला रहे थे उस वक्त उन्हें शौचालय जाने की आवश्यकता महसूस हुई, तब वह अपने आप को रोक नहीं पाए. ऐसा होना उनके लिए बहुत ही अजीब था. क्योंकि उनका मानना है कि वह पूरे जीवन फिट रहे हैं, उन्हें कभी भी अस्पताल नहीं जाना पड़ा है तो फिर उनके साथ ऐसा क्यों हुआ.

अगले ही दिन उन्होंने अपने डॉक्टर से संपर्क किया और अपने लक्षणों के बारे में बताया इसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में रेफर कर दिया गया. अस्पताल में उनका प्रोटेस्ट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट हुआ जिसका स्कोर 13 आया, अगर जिसका स्कोर 10 से अधिक होता है उनमें प्रोटेस्ट कैंसर का संकेत होने की 50 फीसदी से अधिक संभावना होती है.

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प्रोटेस्ट कैंसर की संभावना को और भी मजबूत तरीके से पुष्टि करने के लिए एमआरआई स्कैन और एक ट्रांसरेक्टल बॉयोपसी किया गया. उनके बॉयोपसी के बाद उन्हें पता चला कि उन्हें प्रोटेस्ट कैंसर है. अच्छी बात यह रही कि डॉग का कैंसर प्रोटेस्ट के बाहर नहीं फैला था और यह काफी छोटा ट्यूमर था. उनके डॉक्टर ने इस बीमारी के इलाज से पहले उन्हें निगरानी में रखा. डॉक्टर ने निगरानी के बाद डॉग को रेडियोथैरेपी, केमोथेरपी सर्जरी या ब्रेकीथेरेपी का विकल्प दिया, जिसमें से डॉग ने ब्रेकीथेरेपी का विकल्प चुना. इस थेरेपी के बाद अब वह पूरी तरह से स्वास्थ्य हैं

क्या होते हैं प्रोटेस्ट कैंसर के लक्ष्ण?

1.पेशाब करने में मुश्किल होना या जलन होना.

2.बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना.

3.पेशाब करते वक्त दर्द का महसूस होना.

4.पेशाब या वीर्य में खून आना.

5.बैठने पर दर्द या बेचैनी होना.

कैसे करें प्रोस्टेट कैंसर की रोकथाम ?

प्रोटेस्ट कैंसर के लिए कोई स्पष्ट रोकथाम नहीं है, हां लेकिन कुछ सावधानी के साथ इसे रोका जा सकता है. जैसे कम वसा, उच्च सब्जियों और फलों से बना एक स्वास्थ्य आहार प्रोटेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकता. पीएसए ब्लड टेस्ट और शारीरिक परीक्षण के साथ नियमित जांच प्रारंभिक अवस्था में प्रोटेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए जरूरी है कि 50 साल के बाद कुछ महीने पर नियमित फुल बॉडी चेकअप कराएं. अगर यूरिन करते वक्त किसी तरह की कोई दिक्कत आ रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिले. बीमारी को रोकने के लिए एक स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम भी जरूरी है.

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