उदयपुर में जल्द लोगों को मिल सकती है जाम से निजात, ओल्ड सिटी नो व्हीकल जोन घोषित


राजस्थान के जिलों की नगरी उदयपुर की खूबसूरती के बारे में विश्व में सभी जानते हैं. इसकी खूबसूरती की रीढ़ की हड्डी यहां का पुराना शहर है. लेकिन लंबे समय से यह पुराना शहर (वॉल सिटी) एक सबसे बड़ी समस्या से जूझ रहा है वह है जाम. शुक्रवार शनिवार और रविवार इन 3 दिनों में यहां की पतली गलियां घंटों जाम से जूझती रहती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि आज से यानी 20 अगस्त की शाम से यह एरिया नो व्हीकल जोन घोषित हो जाएगा. इसके बाद यहां बैटरी चालित वाहन ही चलेंगे.

इधर प्रशासन ने कदम तो उठा लिया है लेकिन बड़ी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा क्योंकि इस एरिया में हजारों की संख्या में लोग रहते हैं और हजारों की संख्या में दिल्ली और गुजरात से सबसे ज्यादा फिर मुंबई हरियाणा और मध्य प्रदेश के पर्यटक आते हैं. ऐसे में इनकी व्यवस्था करना चुनौती है. फिर भी एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अभी सिर्फ 2 दिन के लिए शुरुआत की जा रही है.

दो दिन के लिए पायलट प्रोजेक्ट में होगा शुरू

इस दो दिवसीय प्रोजेक्ट के तहत पुराने शहर के रंग निवास से जगदीश चौक, घंटाघर से जगदीश चौक और चांदपोल से जगदीश चौक मार्ग शाम 5 से रात 10 बजे तक नो व्हीकल जोन रहेगा. नगर निगम तीनों मार्गों पर वाहनों के लिए पार्किंग और आवाजाही के लिए ई- व्हीकल (ईवी) की सुविधा देगा. आने जाने वाले हर व्यक्ति से 10 रुपए वसूलेंगे. किसी भी चार पहिया और तीन पहिया वाहन को इन मार्गों पर एंट्री नहीं दी जाएगी.

दोपहिया चालकों को यहां से गुजरने तो दिया जाएगा, लेकिन वे वाहन पार्क नहीं कर सकेंगे. बता दें कि इन तीनों मार्गों पर आकर्षक पर्यटन स्थल और गलियों-मोहल्लों में फैले कारोबार के चलते सबसे ज्यादा भीड़ रहती है, ऐसे में यह प्रशासन की व्यवस्था के साथ शहरवासियों की धैर्य की भी बड़ी परीक्षा है. हालांकि नो व्हीकल जोन के चलते शनिवार-रविवार को वॉलसिटी की नई तस्वीर देखने को मिलेगी. 

 50 हजार से ज्यादा लोगों की आवाजाही

सीजन के समय यहां हर दिन 50 हजार से ज्यादा लोगों का फुटफॉल होता है. इसमें कुछ पर्यटक तो कुछ शहरवासी होते हैं. उदयपुर का यही एक मात्र एरिया है जहां फिल्मों की शूटिंग भी होती है और हर पर्यटक यहां आता है. इसी एरिया में पिछोला झील और इसके अंदर लेक पैलेस और जग मंदिर है. इसी कारण यहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं.

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