आजमगढ़ ऋषि मनीषियों की धरती पर आतंक का ग्रहण: 29 साल से आतंकी घटनाओं से जुड़ता रहा है नाम, वोट बैंक के लिए सियासतदारों का मिला संरक्षण

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आजमगढ़31 मिनट पहले

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आजमगढ़ के मुबारकपुर से आतंकी संगठन ISIS के लिए काम करने वाले सबाउद्दीन आजमी की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से सुर्खियों में आया है जिला। - Dainik Bhaskar

आजमगढ़ के मुबारकपुर से आतंकी संगठन ISIS के लिए काम करने वाले सबाउद्दीन आजमी की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से सुर्खियों में आया है जिला।

महर्षि दुर्वासा, दत्तात्रेय, महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन, अल्लामा शिब्ली नोमानी और कैफी आजमी की धरती कहा जाने वाला आजमगढ़ एक बार फिर से सुर्खियों में है। मुबारकपुर से UP ATS द्वारा गिरफ्तार किए गए आतंकी सबाउद्दीन आजमी का सुरक्षा एजेसियों को मिले इनपुट से आतंकी संगठन ISIS के साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से कनेक्शन था। सबाउद्दीन ने बम बनाने की ट्रेनिंग सोशल मीडिया से ली थी। जिले में बेरोजगारी, अशिक्षा और भौगोलिक परिस्थितियों ने जुर्म की दुनिया के आकाओं को यहां के ऊर्जावान नौजवानों को गलत रास्ते ले जाने का मौका दिया। पूर्व की सियासी पार्टियों ने आग में घी डालने का काम किया। यही कारण है कि 29 साल से आतंकी घटनाओं से जुड़ने वाला कनेक्शन आज भी जुड़ता रहा है।

दाऊद के भाई की है ससुराल
अपराध जगत से पुराना रिश्ता रखने वाले इस जिले से अपराध का पुराना नाता रहा है। इस जिले से माफिया डॉन दाऊद इब्राहीम के भाई मुस्तकीम की ससुराल जिले के मेंहनगर थाना क्षेत्र के विशहम गांव में है। 1993 के मुम्बई बम काण्ड और संजय दत्त के साथ AK 56 मामले में आजमगढ़ के सरायमीर क्षेत्र का मंसूर 10 वर्ष सजा काट चुका है। प्रतिबंधित संगठन सिमी के आखिरी राष्ट्रीय अध्यक्ष शाहिद बद्र फलाही आजमगढ़ का ही है।

लखनऊ, वाराणसी और फैजाबाद कचहरी ब्लास्ट में भी आया नाम
आजमगढ़ जिले के रहने वाले सलीम, इमरान और हुजी का आतंकी मौलाना कासमी को 23 नवंबर को हुए लखनऊ, वाराणसी और फैजाबाद कचहरी बम ब्लास्ट में नाम सामने आया। वर्ष 2007 में गोरखपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट में आजमगढ़ के आतंकी तारिक कासमी का नाम आया था। कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

मुंबई में हुए 1993 में श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों का आरोपी माफिया अबू सलेम आजमगढ़ के सरायमीर का रहने वाला है।

मुंबई में हुए 1993 में श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों का आरोपी माफिया अबू सलेम आजमगढ़ के सरायमीर का रहने वाला है।

हवाला बना अपराध के दलदल में फंसने का कारण
1984 में पहली बार मुंबई पहुंचा अबू सलेम रोजी रोटी कमाने के लिए डिलीवरी ब्वाय के रूप में भी काम किया। यहीं से अबू सलेम की मुलाकात अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम से हो गई। इसके बाद अबू सलेम अपराध के दलदल के साथ हवाला में भी फंसता चला गया। डॉन बनने के बाद अबू सलेम ने अपने जिले के नई उम्र के लड़कों को मुंबई बुलाना शुरू किया। गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे इन लड़कों को पैसा और ऑटोमेटिक हथियार देकर अबू सलेम ने जमकर खूनी खेल खेला। इसके साथ ही सरायमीर के जिस कस्बे में अबू सलेम रहता था, आज भी वहां बड़ी संख्या में लोग खाड़ी देशों में रहते हैं। ऐसे में हवाला से जुड़ने के बाद यहां के नौजवान पैसे के लिए अवैध कामों में भी जुट गए। 90 के दशक से शुरू हुआ सिलसिला आज भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में आजमगढ़ जिले के पांच आतंकियों को सुनाई गई फांसी की सजा।

अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में आजमगढ़ जिले के पांच आतंकियों को सुनाई गई फांसी की सजा।

वाराणसी और गोरखपुर ब्लास्ट के बाद आजमगढ़ में बरामद हुई थी लावारिश कार
2006 में वाराणसी के संकट मोचन हनुमान मंदिर में हुए सीरियल धमाकों के बाद आजमगढ़ के रेलवे स्टेशन पर लावारिश कार बरामद हुई थी। इस कार में शराब की बोतलें भी मिली थीं। 2007 में गोरखपुर में हुए ब्लास्ट के बाद भी आजमगढ़ के रैदोपुर कॉलोनी में एक लावारिश कार बरामद हुई थी। आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों के लिए आजमगढ़ सबसे सुरक्षित पनाह बन गया था।

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ मिलकर माफिया अबू सलेम ने मुंबई में खूब खेला खूनी खेल।

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ मिलकर माफिया अबू सलेम ने मुंबई में खूब खेला खूनी खेल।

एक-एक कर आतंकी घटनाओं के बारे में जानते हैं…
केस-1: मुंबई सीरियल ब्लॉस्ट में अबू सलेम सरायमीर का रहने वाला

देश को हिला देने वाले मुंबई सीरियल ब्लॉस्ट में आजमगढ़ के गैंगस्टर अबू सलेम का नाम सामने आया था। 12 मार्च 1993 को हुए आतंकी हमले के आरोपी अबू सलेम आजमगढ़ के सरायमीर का रहने वाला है। अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम का करीबी रहा है। सिर्फ यही नहीं, अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट का मामला हो या दिल्ली का बाटला हाउस एनकाउंटर केस, आजमगढ़ का कनेक्शन जुड़ता रहा है। दाऊद के भाई मुस्तकीम की ससुराल भी आजमगढ़ के मेंहनगर में है।

केस-1: अहमदाबाद सीरियल ब्लॉस्ट में मास्टरमाइंड आजमगढ़ का अबू बशर
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को सीरियल ब्लास्ट हुआ था। जिसमें 56 लोगों की जान गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। एक बार फिर आजमगढ़ के सरायमीर का कनेक्शन सामने आया। यहां के बीनापार निवासी अबू बशर को हमले का मास्टर माइंड माना गया। इसके साथ ही संजरपुर के मोहम्मद आरिफ, बाज बहादुर के मोहम्मद सैफ, कंधरापुर के शाहपुर में रहने वाले शकीब निसार, बदरका चौकी का रहने वाला शैफुर रहमान व जीशान इस मामले के आरोपी हैं। इन सभी को फांसी की सजा कोर्ट ने सुनाई गई है।

केस-1: बाटला एनकाउंटर में आरोपी आजमगढ़ से के रहने वाले
दिल्ली के जामियानगर इलाके में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों से पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। इसमें 2 आतंकी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे। मोहम्मद जीशान गिरफ्तार किया गया था। वहीं, शहजाद मोहम्मद उर्फ पप्पू और आरिज खान उर्फ जुनैद भागने में सफल रहे थे। इस घटना से आजमगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में आ गया था। इसमें सरायमीर थाने के संजरपुर गांव निवासी डॉ. शहनवाज, शादाब उर्फ बड़ा साजिद उर्फ जुनैद चिकना, राशिद उर्फ सुल्तान, आसिफ और आफताब का नाम शामिल हैं। इन सभी पर NIA की तरफ से 10-10 लाख का इनाम घोषित है।
इन सभी का नाम बाटला हाउस एनकाउंटर के अलावा वाराणसी, गोरखपुर, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे शहरों में सीरियल बम धमाकों में सामने आ चुका है।

बटला कांड और सबाउद्दीन काजमी के आतंकी कनेक्शन को फर्जी बता रही उलेमा काउंसिल
बटला हाउस कांड के बाद अस्तित्व में आयी राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल ने बटला कांड की पूरी मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था। उलेमा काउंसिल ने न्यायिक जांच की मांग की थी। इसको लेकर जिला मुख्यालय से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक उग्र प्रदर्शन किया गया था। आजमगढ़ जिले से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता ट्रेन बुक कराकर दिल्ली में जंतर मंतर पर विरोध दर्ज कराया। सबाउद्दीन आजमी के घर भी पहुंचकर उलेमा काउंसिल और रिहाई मंच के पदाधिकारियों ने न्यायिक प्रक्रिया में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। बटला एककाउंटर पर कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह और सलमान खुर्शीद ने भी सवाल खड़े किए थे। ऐसे में इन लोगों को पूर्व की सरकारों में सियासत का फायदा मिलता रहा है।

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