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अब तक 946 लोगों को ही मिला ऋण
राज्य सरकार की स्वरोजगार के उद्देश्य से बेरोजगार के लिए शुरू की गई इंदिरा गांधी क्रेडिट योजना खोखली साबित हो रही है। ऋण के लिए बेरोजगार आए दिन धक्के खा रहे है। जिससे बेरोजगारों की समस्या बढ़ती जा रही हैं। बार बार चक्कर लगाने के बावजूद ऋण नहीं मिल पा रहा है। ऋण पास होने के बाद सबसे ज्यादा चक्कर बैंक में लगवाए जा रहे है।
सबसे ज्यादा आवेदन भी बैंको में अटके हुए है। बार बार चक्कर लगाने के बावजूद भी उन्हें आर्थिक संबल तक नहीं मिल पा रहा है।
योजना की धीमी चाल का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महज अब तक 946 लोगों को ही ऋण मिल पाया है, जबकि सैकड़ों आवेदक कतार में है। 2959 आवेदन बैंक में अटके पड़े है। इसमें कई आवेदक अपात्र घोषित हो चुकें है, कई आवेदक पात्रता के बावजूद लाभ से वंचित हैं। जिले को योजना के तहत 15030 का लक्ष्य दिया गया था। जबकि ऋण के लिए अब तक 7886 लोग ही आवेदन कर पाए है।
जिले की स्थिति
निकाय लक्ष्य आवेदन ऋण लंबित
झुंझुनूं 5673 2211 311 869
बगड़ 442 304 61 123
उदयपुर 907 674 51 244
मंडावा 724 282 22 125
चिड़ावा 1363 830 88 342
खेतड़ी 565 386 13 150
नवलगढ़ 1983 1169 143 348
मुकुंदगढ़ 573 450 84 147
बिसाऊ 721 299 34 108
पिलानी 922 486 79 131
सूरजगढ़ 672 357 17 161
विद्या विहार 485 437 43 213