अचानक जांच को पहुंचे सीएमएचओ तो मिले खराब हालात: कहीं जंग लगे बेड मिले, तो कहीं बाहर से करवाई जा रही थी जांचें


श्रीगंगानगरएक घंटा पहले

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सूरतगढ़ के एक अस्पताल में रोगियों से चिरंजीवी योजेना की जानकारी लेते सीएमएचओ डॉ.मनमोहन गुप्ता।

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में सोमवार को सूरतगढ़ के प्राइवेट अस्पतालों की जांच के लिए पहुंचे सीएमएचओ डॉ.मनमोहन गुप्ता उस समय भौंचक्के रह गए जब संबंधित अस्पतालों में कई तरह की अनियमितताएं सामने आईं। कहीं बैड पर जंग लगा था तो कहीं प्राइवेट अस्पतालों में बाहर से जांचें करवाई जा रही थीं। अस्पताल के वार्डों में मेडिकल बायोवेस्ट बिखरा था वहीं कुछ अस्पतालों में जिन रोगियों को अस्पताल में योजना का लाभ लेते हुए दर्शाया गया वे मौके पर मौजूद ही नहीं मिले।
इन अस्पतालों में पहुंचे सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. मनमोहन गुप्ता, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. करण आर्य व चिरंजीवी प्रभारी डॉ. सुनील बिश्रोई सोमवार को सूरतगढ़ इलाके में जांच के लिए पहुंचे। यहां नीलकंठ अस्पताल में हेल्प डेस्क नहीं मिला। प्रचार प्रसार सामग्री पुरानी मिली एवं मेडिकल बायोवेस्ट बिखरा हुआ पाया गया।

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सूरतगढ़ के एक प्राइवेट अस्पताल में बिखरा कचरा।

सूरतगढ़ के एक प्राइवेट अस्पताल में बिखरा कचरा।

मरीजों की जांचे अस्पताल के बाहर से करवाई जा रही थी। बैड और स्टेंड आदि जंग लगी हालत में मिले। पोर्टल पर जिन्हें योजना के लाभार्थी बताया गया वे अस्पताल में भर्ती नहीं मिले। दस्तावेजों में साइन वाले डॉक्टर मौके पर नहीं मिले।

डॉक्यूमेंट्स में सिग्नेचर, डॉक्टर बोले मैं नहीं आया अस्पताल
अस्पताल में जिन डॉक्टर्स के सिग्नेचर डॉक्यूमेंट्स में दिखाए गए जब उनसे सीएमएचओ डॉ. गुप्ता ने टेलीफोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि वे तो दस दिन से अस्पताल आए ही नहीं है। अस्पताल में नर्सिंग स्टूडेंट्स काम करते पाए गए। निर्धारित से कम स्टाफ मिला। इसी तरह वसुंधरा अस्पताल में हेल्प डेस्क नियमानुसार सही नहीं मिला। नर्सिंग स्टूडेंट्स मरीजों का उपचार करते मिले। मेडिकल बायो वेस्ट ट्रीटमेंट भी सही तरीके से नहीं किया गया। वहीं जीडी अस्पताल में भी हेल्प डेस्क नहीं मिला। प्रचार-प्रसार सामग्री नहीं मिली और नियमानुसार नर्सिंग स्टाफ भी नहीं मिला। अपेक्स अस्पताल में एक भर्ती मरीज से जांच के पैसे लिए जाने की पुष्टि हुई। इस तरह की लापरवाहियों के चलते अस्पताल प्रबंधकों को योजना से बाहर करने की चेतावनी देते हुए सुधार के निर्देश दिए गए। इन सभी अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी किए जाएंगे।

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