दीवारों पर पीक मिला तो कट जाएंगे नम्बर: स्वच्छता सर्वेक्षण में बदलाव, अब 9500 में से मिलेंगे अंक,  सीवरेज के क्षतिग्रस्त ढक्कनों के भी कटेंगे नम्बर, कचरा निस्तारण के आधे अंक


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झुंझुनूं41 मिनट पहले

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दीवारों पर पीक मिला तो कट जाएंगे नम्बर

किसी शहर की नगर निकाय के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण मेें अच्छे नम्बर लाना कोई आसान काम नहीं रहेगा। इस बार सर्वेक्षण के आकलन के नंबरों को बढ़ा दिया गया है। अलग अलग चरणों में जांच कर ही नंबर दिए जाएंगे। इस बार कई बदलाव किए हैं। खास बात यह है कि इस बार दीवारों पर जगह-जगह पीक थूकने को रेड स्पॉट माना जाएगा। सीवरेज के क्षतिग्रस्त ढक्कनों का भी रैंकिंग पर विपरीत असर पड़ेगा। इससे स्वच्छता रैंकिंग की बेहतर उम्मीदों पर असर पड़ सकता है।

चार चरणों में होगा सर्वेक्षण

सर्वेक्षण चार चरणों में होगा। इस बार सिटीजन फीडबैक सबसे पहले लिए जाएंगे। अब तक अंतिम चरण पर सिटीजन फीडबैक लिए जाते थे।

शहरी विकास मंत्रालय 2023 के सर्वेक्षण में आकलन 9500 अंकों के आधार पर करेगा, जबकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में 7500 अंक है। अगले वर्ष जमीनी परीक्षण के दौरान विशेषज्ञ टीम वास्तविक स्थिति के मूल्यांकन के लिए अलग-अलग माध्यमों से जानकारी लेगी। इसके बाद विश्लेषण होगा।

सीवरेज चैम्बर के ढक्कन भी अहम

नई गाइडलाइन के अनुसार जहां सीवरेज पूरी तरह कवर होनी जरूरी है। इसमें कचरा प्रबंधन के 1830 अंक शामिल होंगे। जबकि पिछले वर्ष 1200 अंक थे। कचरा संग्रहण के अंक भी 9 सौ से बढक़र 1750 हो गए हैं। वाटर सप्लाई मैनेजमेंट और सफाईकर्मियों की सुरक्षा को लेकर 945 अंक निर्धारित किए गए हैं, जबकि पिछले साल इसके लिए 900 अंक थे।

टीम जांचेगी पीक-थूक

नई गाइडलाइन के अनुसार अब सर्वेक्षण टीम सरकारी दफ्तरों, सार्वजनिक स्थानों, सडक़ों-गलियों का निरीक्षण करेगी। इसमें पान, गुटखे की पीक, सामान्य थूक को भी अंकों में शामिल किया जाएगा। पीक से जुड़ी गंदगी का सीधा असर शहर की रैंकिंग पर पड़ेगा। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के लिए जुर्माना निर्धारित है। इसके लिए सौ रुपए जुर्माना है।

सफाई व्यवस्था रहेगी अहम

सर्वेक्षण में सर्विस लेवल प्रोग्रेस अहम रहेगी। 9500 अंकों में से करीब आधे अंक इसी के हैं। 4525 अंक में से 1750 अंक तो कूड़ा उठाने की सेवा को लेकर ही मिलेंगे। इसमें देखा जाएगा की शहर में कूड़ा उठाने की किस तरह की सेवा मुहैया कराई जा रही है।

आयुक्त शैलेश खेरवा ने बताया कि स्वच्छता रैंकिंग में इस बार अंकों की बढ़ोतरी हुई है। हर वर्ष इसमें परिवर्तन हो रहे हैं। अब पीक-थूक, सीवरेज चैंबर पर भी फोकस किया जाएगा। गाइडलाइन जारी कर दी गई है, ताकि नगर निगम अपने स्तर पर तैयारी कर सके।

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