बीकानेरएक घंटा पहले
बीकानेर के छोटे से गांव धीरदेसर चोटियान गांव की बेटी अंजली जानू ने RJS (राजस्थान ज्यूडिशियल सर्विस) में पहला स्थान हासिल किया है। वहीं, उनकी बुआ की बेटी सुषमा जाखड़ इस परीक्षा में 36वें नंबर पर रही हैं। खास बात ये है कि अंजली ने नेशनल लॉ युनिवर्सिटी जोधपुर से डिग्री करते हुए टॉप 10 में स्थान बनाया था। उनकी मम्मी टीचर हैं। पिता सरकारी स्कूल में लाइब्रेरियन हैं।
अपने पिता सुरेश कुमार और मां सुधा के साथ RJS टॉपर अंजली।
दैनिक भास्कर से बातचीत में अंजली ने कहा- जो भी पढ़ा है, वो पूरे मन से पढ़ा है। पास होने के लिए कभी पढ़ाई नहीं की। जो भी चैप्टर सामने आया है, उसे समझने का प्रयास किया है। रटने का नहीं। अगर आप किसी बात को या चैप्टर को समझ लेते हैं तो उसे याद करने की जरूरत नहीं है। जीवन में हमेशा पढ़ाई को समझने का काम किया है।

रिजल्ट आने के साथ ही परिवार अंजली को बधाई देने पहुंच गया।
दो भाइयों की इकलौती बहन
अंजली दो भाइयों की इकलौती बहन हैं। एक भाई अश्वनी जानू इन दिनों कोटा में इंजीनियर के रूप में काम कर रहे हैं तो दूसरा भाई अभिनव बीटेक की पढ़ाई। पिता सुरेश कुमार बीदासर के सरकारी स्कूल में लाइब्रेरियन हैं और मां सुधा जानू भी सरकारी स्कूल में ही टीचर हैं। अंजली बताती हैं कि घर में शुरू से पढ़ाई का माहौल रहा है।

सुषमा जाखड़ ने 36वां स्थान प्राप्त किया है। अंजली के पिता सुषमा के सगे मामा हैं।
बहन सुषमा जाखड़ 36वें स्थान पर
इसी परीक्षा में सुषमा जाखड़ ने 36वां स्थान प्राप्त किया है। अंजली के पिता सुषमा के सगे मामा हैं। दोनों मामा-भुआ की बहनें है। सुषमा ने तो इसी महीने 2 अगस्त को विधानसभा में विधि रचनाकार के रूप में जॉइन किया है। अब उनका आरजेएस में चयन हो गया। विधि रचनाकार की पोस्ट पर चयन बहुत चैलेंज वाला था, लेकिन इसे भी सुषमा स्वीकार किया। दरअसल, विधानसभा में बनने वाले सभी कानूनों की रूपरेखा विधि रचनाकार ही तैयार करता है। सुषमा के पिता पुलिस डिपार्टमेंट में सर्किल इंस्पेक्टर हैं।

25 साल की देशना गुलेच्छा ने बताया कि दादा लाभचंद गुलेच्छा का सपना था कि परिवार में कोई वकील या जज हो।
पाली की देशना की सेकेंड रैंक
RJS में पाली के गुंदोचिया बास में रहने वाली 25 साल की देशना गुलेच्छा जनरल कैटेगरी से सेकेंड टॉपर रही हैं। उन्होंने 206.5 नंबर स्कोर किया है। रिजल्ट आते ही परिवार में खुशी का माहौल हो गया। देशना को बधाइयां मिल रहीं। भास्कर से बातचीत में देशना ने बताया कि दादा लाभचंद गुलेच्छा का सपना था कि परिवार में कोई वकील या जज हो। उन्होंने पापा राजकुमार गुलेच्छा को LLB करवानी चाही थी, लेकिन पापा ने लॉ की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और बिजनेसमैन बन गए। यहां क्लिक कर पूरी खबर पढ़ें…
वीडियो सपोर्ट- कपिल सारस्वत, बीदासर
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